राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग पोस्को ई-बॉक्स के लिए पुरस्कार से सम्मानित
महिला
एवं बाल विकास
मंत्रालय के
अंतर्गत राष्ट्रीय
बाल अधिकार
संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर)
को पोस्को
ई-बॉक्स के
लिए स्काच सिल्वर
और स्काच
आर्डर ऑफ
मैरिट पुरस्कार
से सम्मानित
किया गया है।
यह पुरस्कार
पिछले सप्ताह
नई दिल्ली
में आयोजित कार्यक्रम
में इलेक्ट्रॉनिक्स
और सूचना
प्रौद्योगिकी
मंत्रालय में
अपर सचिव श्री
अजय कुमार ने
एनसीपीसीआर
की अध्यक्ष
श्रीमती स्तुति
कक्कड़ को
प्रदान किया।
कार्यक्रम
में टेक्नॉलोजी
कंपनियों,
सरकारी
विभागों,
सार्वजनिक
क्षेत्रों के
उपक्रमों और
अनुसंधान
संगठनों ने
भाग लिया। राष्ट्रीय
बाल अधिकार
संरक्षण आयोग
को यह पुरस्कार
बाल यौन शोषण
की शिकायत
पंजीकृत करने
के लिए इलेक्ट्रानिक
ड्राप बॉक्स
पोस्को
ई-बॉक्स
विकसित करने
में
प्रौद्योगिकी
के उपयोग करने
हेतु प्रदान
किया गया है।
इस अवसर पर
अपने संबोधन
में श्रीमती कक्कड़
ने कहा कि बच्चों
के मन में हमेशा
के लिए बुरा
भाव छोड़ने
वाले घिनोने
बाल यौन शोषण
के खिलाफ हर किसी
को खड़ा होना
चाहिए।
प्रतियोगिता
में तीन हजार
से अधिक
प्रविष्टियां
शामिल हुई और
एनसीपीसीआर
की परियोजना पोस्को
ई-बॉक्स को 30
सर्वोच्च
प्रविष्टियों
में से प्रथम
चुना गया।
पोस्को
ई-बॉक्स,
एनसीपीसीआर
द्वारा बाल
यौन शोषण के
शिकार बच्चों
से ऑनलाइन
शिकायत
प्राप्त करने
का एक अनूठा
प्रयास है। यह
प्रणाली शिकायतकर्ता
की गोपनीयता
बरकरार रखती
है। एक निर्धारित
प्रक्रिया के
तहत शिकायत को
एक दल द्वारा
देखा जाता है
जो यौन शोषण
के शिकार बच्चे
को परामर्श
प्रदान करने
के साथ कानूनी
प्रक्रिया
पालन करने
संबंधी
दिशा-निर्देश
प्रदान करता है।
ई-बॉक्स में
एक लघु एनीमेशन
फिल्मद्वारा
यौन शोषण के
शिकार बच्चों
को सहायताहीन
या दिग्भ्रमित
और बुरा ना
समझने जैसा
आश्वासन
दिया जाता है।
ई-बॉक्स के
द्वारा
चरणबद्ध रूप
से आसानी से
शिकायत दर्ज
की जा सकती
है।
महिला
एवं बाल विकास
मंत्रालय
द्वारा वर्ष 2007
में किए गए
अध्ययन के
अनुसार सर्वे
किए गए बच्चों
में से 53
प्रतिशत बच्चों
ने अपने
जीवनकाल में
एक या अधिक
बाल यौन शोषण
का सामना किया
था। अधिकतर
मामलों में
दोषी कोई
पारिवारिक
सदस्य/निकट
का रिश्तेदार
या जानने वाला
व्यक्ति था।
इस प्रकार के
मामलों में
सामान्य तौर
पर बाल यौन
शोषण के शिकार
बच्चे ऐसी
घटनाओं को
दर्ज नहीं
कराते।
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