Tuesday 27 December 2016

वर्षांत समीक्षा - सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय

वर्षांत समीक्षा- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय

प्रसारण क्षेत्र

  • अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए अनुमति प्राप्त प्रसारणकर्ता देय तिथि से 60 दिन पहले तक वार्षिक अनुमति फीस का भुगतान करके अपना संचालन जारी रख सकते हैं। देय तिथि को चैनल के संचालन को आगे एक वर्ष तक जारी रखने की अनुमति की तिथि माना जाएगा।
  •  जून, 2014 से दिसंबर, 2016 तक कुल 170 चैनलों को लाइसेंस दिए गए। इनमें से 25 लाइसेंस न्यूज चैनलों को और 145 लाइसेंस गैर-न्यूज चैनलों को दिए गए।
  •  सम्पूर्ण भारत में एफएम रेडियो की पहुंच में वृद्धि। एफएम चरण तीन के पहले और दूसरे बैच की नीलामी पूरी। दूसरे बैच की नीलामी 92वें शहरों में 266 चैनलों के लिए हाल में की गई।
  • केबल टीवी के डिजिकरण से पूरा देश डिजिटल प्रणाली के अंतर्गत आ जाएगा। डिजिटीकरण के तीसरे चरण को लागू करने की अंतिम सीमा 31 दिसंबर, 2015 थी, जबकि चौथे चरण की क्रियान्वयन सीमा 31 दिसंबर, 2016 थी। हाल में मंत्रालय ने चौथे चरण की अंतिम सीमा को 31 मार्च, 2017 तक बढ़ा दिया।
  • आकाशवाणी मैत्री : आकाशवाणी द्वारा बांग्लादेश और बंगाली समुदाय के लिए यह विशेष सेवा लांच की गई। जन-जन के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए मीडिया वेबसाइट तथा मोबाइल एप लांच किया गया।
  • देश में कम्यूनिटी आंदोलन को प्रोत्साहन: कम्यूनिटी रेडियो आंदोलन को प्रोत्साहित करने के लिए  मंत्रालय ने रेडियो स्थापित करने के लिए 7.5 लाख रूपये की अधिकतम सीमा तक सब्सिडी पूर्वोत्तर राज्यों में 50 प्रतिशत बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने और अन्य राज्यों में सब्सिडी में 75 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा की।
  • स्वच्छता समाचार: सप्ताह के सभी दिन 5 मिनट का विशेष स्वच्छता बुलेटिन शुरू किया गया है। बुलेटिन में महत्वतपूर्ण समाचार और स्वच्छ  भारत अभियान से जुड़े लोगों की पहल और कहानियों को शामिल किया जाता है। बुलेटिन में स्वच्छता के तौर-तरीके भी बताए जाते हैं।

फिल्म क्षेत्र:

फिल्म संवर्द्धन कोष -  

  • अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में स्पर्धा के लिए चयनित फिल्मों या विदेशी फिल्म श्रेणी में अकदमी फिल्म पुरस्कारों के लिए भारत के अधिकारिक रूप से मनोनीत फिल्मों की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में वित्तीय सहायता देना।

  फिल्मी सहायता कार्यालय (एफएफओ) :  

  • भारत में विदेशी फिल्मी निर्माताओं द्वारा फिल्म की शूटिंग में सहायता के लिए एकल खिड़की मंजूरी
  • मुबई, दिल्ली , चेन्नई, कोलकाता में नवंबर, 2015 में एनएफडीसी परिसरों में एफएफओ की ईकाइयां स्थापित की गई। 2015-16 में 66 विदेशी फिल्मोंं को अनुमति दी गई।
  • मंत्रालय की ओर से एनएफडीसी द्वारा स्वच्छ भारत लघु फिल्मो समारोह में स्वच्छ भारत मिशन विषय पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में पूरे देश से 4,000 से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त  हुई। फिल्म समारोह का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ भारत अभियान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना, लोगों को प्रेरित करना और लोगों को इस अभियान के हितधारक के रूप में शामिल करना है। चयनित शीर्ष 20 फिल्मों को सम्मानित किया गया।
मंत्रालय ने फिल्म निर्माण स्थल और सॉफ्ट पावर स्थल के रूप में भारत की प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए फिल्म समारोह मंच का उपयोग किया है। फिल्म  क्षेत्र में सहयोग की संभावना को प्रोत्साहित करने के लिए देश विशेष फिल्म समारोह का आयोजन किया गया। इन समारोहों में निम्नलिखित हैं-
  • ईरानी फिल्म समारोह: ईरान के जाने-माने तथा पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माताओं की 14 फिल्में  दिखाई गई।
  • यूरोपीय संघ फिल्म समारोह : यूरोपीय संघ के देशों की कुल 23 फिल्में दिखाई गई।
  • दिल्ली में पहली बार ब्रिक्स फिल्म समारोह आयोजित। 5 भाग लेने वाले देशों की 4-4 फिल्मों को शामिल कर के 20 फिल्मों की स्प्र्धा शामिल की गई।
  • मंत्रालय ने घरेलू नीति के मोर्चे पर स्वच्‍छ भारत, लघु फिल्म। समारोह, बाल फिल्म समारोह और ‘आजादी 70 साल- याद करो कुर्बानी’ विषय पर देश भक्ति फिल्म समारोह का आयोजन किया।
  • देश भक्ति और बाल फिल्म समारोह के माध्यम से सिनेमा को संचार की अभिव्यक्ति के रूप में विकसित करने के लिए संस्थानों को सुदृढ़ बनाना।
  • सिनेमाटोग्राफी अधिनियम/नियमों के प्रावधानों की समग्र व्याख्या के लिए गठित श्याम बेनेगल समिति ने अपनी सिफारिशें मंत्रालय को सौंप दी। इन सिफारिशों से समग्र ढांचा प्राप्त हो सकेगा।
  • मंत्रालय ने भारत को फिल्म निर्माण स्थल के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए सर्वाधिक फिल्म अनुकूल राज्य पुरस्कार में एक लाख रूपये की नकद राशि देने की घोषणा की है।
  • राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन (एनएफएचएम): यह राष्ट्रीय फिल्म  अभिलेखागार के माध्यम से फिल्मों और फिल्म  सामग्रियों की बहाली, डिजिटीकरण और अभिलेख तैयार करने की नई योजना है। भारत के राष्ट्रीय फिल्मी अभिलेखागार ने भारतीय मूक फिल्म बिल्वामंगल (1919) की 20.43 मिनट की सामग्री प्राप्त की।

सूचना क्षेत्र

डीएवीपी के लिए नई प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति:

  • इसका उद्देश्य प्रिंट मीडिया में सरकारी विज्ञापन जारी करने में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ाना तथा छद्म/अनियमित समाचार पत्रों को समाप्त करना है।
  • इस नीति में नई मार्केंटिंग प्रणाली तथा डीएवीपी के पैनल में समाचार पत्रों/पत्रिकाओं को शामिल करने के लिए प्रसार जांच प्रक्रिया प्रारंभ की गई।
  • माननीय उच्चतम न्या्यालय के निर्देशों के अनुसार सरकारी विज्ञापन में विषय-वस्तु के नियमन से संबंधित विषयों पर विचार करने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई। समिति के अध्यक्ष पूर्व मुख्या निर्वाचन आयुक्त श्री बी.बी. टंडन हैं।

प्रकाशन प्रभाग के लिए नई व्यावसायिक नीति:  

  • प्रकाशन उद्योग में समकालीन कारोबारी रूझानों के अनुरूप व्यावसायिक व्यवहारों को व्यवस्थित बनाना। यह नीति मुद्रित संस्करण के 75 प्रतिशत मूल्यो पर प्रकाशन के डिजिटल संस्करण का मूल्य‍ निर्धारित कर ऑनलाइन पाठक संख्या बढ़ाने को प्रोत्साहित करती है। यह नीति ई-कॉमर्स की बढ़ती संभावनाओं को स्वीकार करते हुए ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों के माध्यम से ई-बुक्स की बिक्री को प्रोत्साहित करती है।
  • 360 डिग्री मल्टीमिडिया अभियान का उद्देश्य सरकार द्वारा लांच की गई योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करना है। अभियान की गतिविधियों में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन, दूरदर्शन और आकाशवाणी पर विशेषज्ञों के साथ विशेष कार्यक्रमों का प्रसारण, मल्टीमीडिया प्रदर्शनी, इंफोग्राफिक्स , ऐनीमेशन, ग्राफिक प्लेट, लघु वीडियो आयोजनों/सम्मेंलनों के लाइव प्रसारण का उपयोग करते हुए सोशल मीडिया अभियान चलाना शामिल है। 
इन कार्यक्रमों में कुछ  निम्नलिखित हैं:   
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, स्वच्छ/ भारत, मेक इन इंडिया, कुशल भारत, डिजिटल इंडिया, राष्ट्रीय एकता दिवस

क्राउड सोर्सिेग के माध्यम से सरकारी विज्ञापन में जनभागीदारी: 

  •  महत्वपूर्ण आयोजनों के लिए विज्ञापन की डिजाइनिंग क्राउडसोर्सिंग मॉडल पर की जाती है। 67वें गणतंत्र दिवस समारोह के हिस्सें के रूप में मंत्रालय के सोशल मीडिया सेल द्वारा ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
  • प्रकाशन विभाग ने इंडिया/भारत-2016 का ई-संस्करण जारी किया है। वित्त  मंत्रालय के भारत कोष पोर्टल के माध्यम से लोकप्रिय पत्रिकाओं तथा प्रकाशन विभाग के रोजगार समाचार के लिए ऑनलाइन भुगतान और अंशदायी सेवाएं।

राष्ट्रपति भवन पर प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का लोकार्पण : 

इनमें कुछ पुस्तकें निम्नलिखित हैं:
  • ‘एराउंड इंडियाज फर्स्ट टेबल: डाइनिंग एंड इंटरटेनिंग ऐट राष्ट्रपति भवन’ , ‘द आर्ट्स एंड इंटीरियर ऑफ राष्ट्रपति भवन: लूटियंस एंड बियोन्ड ‘ , ‘डिस्कवर द मैग्निफिसेंट वर्ल्ड ऑफ राष्ट्रपति भवन’, ‘ए वर्क ऑफ ब्यूटी: द आर्किटेक्चर एंड लैंड स्केग ऑफ राष्ट्रपति भवन’, ‘फर्स्ट गार्डेन ऑफ द रिपब्लिक: नेचर इन द प्रेसिडेंट्स स्टेसट्स ’।
  • प्रकाशन विभाग ने माननीय उच्च‍तम न्यायालय के निर्देशन में ‘कोर्ट्स ऑफ इंडिया- पास्ट टू प्रेजेंट’ पुस्तक जारी की।

भारतीय जन संचार संस्थान

  • चालू अकादमिक सत्र यानी 2016-17 से उर्दू पत्रिकारिता में डिप्लोमा पाठ्यक्रम का दर्जा बढ़ाकर 9 महीने की अवधि का उर्दू पत्रकारिता पीजी डिप्लोमा किया गया।

वार्तालाप/क्षेत्रीय संपादक सम्मेलन:

  • पत्र सूचना कार्यालय की क्षेत्रीय ईकाइयों ने सरकार के विकास कार्यक्रमों/योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और संवाद करने के लिए देश के विभिन्नं भागों में क्षेत्रीय मीडिया के साथ वार्तालाप का आयोजन किया। जयपुर, चेन्नई तथा चंडीगढ़ में क्षेत्रीय संपादक सम्मेलन आयोजन किए गए।
            

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